श्री राम दूत हनुमान मन्डल

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Shri Ram Doot Hanuman Mandal

श्री राम दूत हनुमान मन्डल विजय वाडी जयपुर, इस महायग की रचना आनंदकंद सुपुत्र श्री बालाजी की कृपा प्रेरणा से १० मार्च २००७ को हुई | कुछ भक्तो ने जो स्नेहमयी वातावरण धर्म की आस्था वाले, और वो जो परमआनंद की खोज में थे |

 

सभी ने मिल कर यह पौधा श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर श्री प्रेमदासजी महाराज खेडापति धाम "सामौद" (चामू) -जयपुर के पावन सानिध्य में, श्री दुर्गाप्रसाद शर्मा "ताउजी"  रानोली सीकर वालों की अध्यक्षता में मिल कर लगाया था | सभी ने मिलकर एक सुंदर संकल्प लेकर उसकी परवरिश व संरक्षण का अपने आप से वादा कर सुन्दर कांड जेसे महायॼ की ज्योति प्रज्वलित अपने दिलों में की |

श्री राम नाथ की आनंद लहरी बरसाने, जन-मन में, प्रेमभाव स्वधर्म के प्रति श्रधा व भावी पीढ़ी में सुसंस्कार पैदा करने वाले धर्म के प्राण श्री गोस्वामी तुलसीदास जी  रचित श्री रामचरित मानस के आत्मा स्वरूप श्री सुंदर कांड का संगीतमय - नृत्यमय - आनंदमय पठन -पठान  का आयोजन घर-घर जाकर निशुल्क बालाजी महाराज की ज्योत जगाकर प्रत्येक शनिवार अनवरत किया जा रहा है |

श्री राम दूत हनुमान मण्डल की परिकल्पना ५-८ भक्तों के मन व दिल की सोच व सुंदर विचार का परिणाम है मुख्य कार्य प्रभु का श्री सुंदरकांड  घर - घर  पहले से निश्चित स्थान पर जाकर करना होता है |


श्री राम दूत हनुमान मन्डल परिवार की परिकल्पना में शामिल स्नेहमयी भक्तों में श्री दुर्गा प्रसाद शर्मा डा. श्री सुनील खूटेटा, श्री आनंद केडिया, श्री श्यामसुंदर शर्मा, श्री अशोक अग्रवाल व एडवोकेट श्री मनीष गगराती और इन्ही के श्री मुख से माँ सरस्वती की कृपा से सुमधुर वाणी से प्रत्येक शनिवार सुंदर कांड पाठ होता आ रहा है | शैन: शैन: प्रभु कृपा व भक्तों के स्नेह के कारण श्री राम दूत हनुमान मन्डल परिवार में कुछ और भक्त आ मिले श्री ओम प्रकाश जी जोशी, विजय जोशी,  श्री ओम प्रकाश सुन्दरिया, अनुराग सांशस्वत, धर्मेन्द्र कील, मनोज जांगिड, बनवारी शर्मा,  एईएन श्री एन. के. सैनी जी व अन्य भक्तों ने सभी ने मिलकर व्यवस्था कर हर पहलू का बिड़ा उठाया |

श्री राम दूत हनुमान मन्डल आज लगभग २५१ श्री सुंदर कांड के पाठ घर घर  जाकर कर चूका है | इन सुंदर कांड पाठ में अब तक लगभग ३६३१८ भक्त इस भक्ति सरोवर में गोता लगा कर अपने आप को धन्य कर चुके है | श्री राम दूत हनुमान मन्डल परिवार जयपुर में शनिवार के अलावा हनुमान जयंती  महा उत्सव भी सुंदर कांड के रूप में मनाता आ रहा है  तथा श्री सुंदर कांड की आहूतिया प्रभु के समक्ष दे चूका है|

जिसमें प्रमुख माँ भगवती शाकम्बरी धाम, लोहगिल धाम,  दाऊ धाम, गणेश्वर धाम के अलावा हरिद्वार कुम्भ पर्व के दौरान माँ गंगा के पावन तट पर भी अपने दो प्रस्तुतिया दे चुका है |

श्री राम दूत हनुमान मन्डल जैसे पवित्र पावन परिवार में अब लगभग नियमित परिवारों की सख्या लगभग 70 से 80 हो चकी है जो प्रत्येक  शनिवार को प्रभु दरबार में दौड़े  चले आते है | हर भक्त का अपना इस व्यवस्था में महत्वपूर्ण योग दान रहता है | प्रत्येक भक्त का अपना कार्य है वह उसके प्रति पूर्णतय: समर्पित रहता है | इस पावन मन्डल के श्री प्रभुदयाल जी जागिड के परवर के सदस्यों द्वारा मन्डल को समर्पित दो "चल जलयान " फिलहाल जयपुर महानगर के मध्य बड़ी चोपड़ व छोटी चोपड़ पर जल सेवा के लिए निरंतर सुलभ रहती है |

श्री राम दूत हनुमान मन्डल - सुंदर कांड का मात्र पठन ही नहीं करता है बल्कि यह प्रयास भी रहता कि पाठ दौरान भक्त वहां सशरीर ही नहीं अपितू उसका मन मस्तिक भी उसी स्थान पर प्रभु में लीन रहें | 


हम हुलसी पुत्र श्री गोस्वामी जी को प्रणाम करते है जिन्होंने श्री रामचरितमानस जेसे महानग्रन्थ  की रचना कर, भारत की जनता में श्री रामचंद्र भगवान की मर्यादा का चित्रण करके भारतवासियों  को अपना आशीष प्रदान किया है | इसमें जीवन का समग्र दर्शन समय हुआ है | अस्तिव विहीन शुन्य से, विराट अनंत की यात्रा के दौरान स्याह अँधेरे में घिरी दुनिया को श्री सुंदर कांड पाठ दिव्य प्रकाश पुंज बनकर राह दिखलाता है और इसी राह के पथिक बन कर श्री "रामदूत" घर घर ज्योति जलाते है उसकी महिमा सबको सुनाते है हर दिल से प्रभु का नाता हो यही तो मन्डल परिवार कि मन इच्छा है |


श्री राम दूत हनुमान मन्डल परिवार बालाजी से सारी मानवता के लिए यही प्रार्थना करता है कल्याण करो प्रभु सब जन का, सब प्रेम-भक्ति भाव से भरे रहे |

श्री राम दूत हनुमान मन्डल का वह नन्हा सा पौधा आज विशाल वृक्ष बनने को है और ये सब हो पाया है प्रभु के आशीष, सन्तों के सानिध्य और हमारे असख्यों भक्तों के अथाह स्नेह आशीष व सहयोग से जिन्होंने हमें समय - समय पर सुंदर पथ व धर्म की राह का पथ दिखलाया | हमारे मार्ग दर्शक, हमारे दार्शनिक दोस्तों, कोशिशदार, हंसमुख व जहीन व्यक्तित्व के धनी भक्तों प्रभु से प्रार्थना कि आप सभी का मंगल हो शुभ मंगल हो मंगल ही मंगल हो | श्रीमद भगवद गीता जी में  स्वंय भगवन श्री कृष्ण कहते हैं समाज में जैसा आचारण क्षृष्ठ जन करते है वैसा ही शेष लोग अनुकरण करते है | अत: क्षृष्ठजनों का दोहरा दायित्व है कि वे अपने आचारण का सतत् अवलोकन कर काल स्वभाव से आने वाले प्रदूषण का परिष्कार कर निर्मल बनायें रख आम व्यक्ति के लिए तो उनका आचरण ही अनुकरणीय मिसाल होता है इसलिए मन्डल परिवार संत-समागम उनके सानिध्य के लिए हमेशा उत्साहित व लालाईत रहता है |


श्री राम दूत हनुमान मन्डल परिवार का सौभाग्य है कि हमें आप जैसॆ भक्तों का आशीर्वाद मिलता रहता है हमें आप प्रभु में मिले है और ये शरीर तो स्वंय आप प्रभु भक्तों में ही प्रभु के दरश पा लेता है और निहाल हुआ जाता है |